कुठल्याही राष्ट्राची योग्यता
तेथील पुस्तकांवरून जोखली जाते
धर्मस्थळं अथवा इमारतींवरून नव्हे
पुस्तकांचा वेगळा आपला एक
धर्म असतो
जिथं विज्ञान श्वास घेतं
मानवता स्मितहास्य करते
पुस्तकं प्रत्येक युगात
युद्धांविरूद्ध उभी ठाकलीत
अणुचाचण्यांहून अधिक
या जगाला पुस्तकांची पानं
पालटण्याची गरज आहे
पुस्तकांपेक्षा मोठं युद्ध नाहीये
या जगात क्रूरतेविरूद्धचं!
मराठी अनुवाद
भरत यादव
Bharat Yadav
मूळ हिंदी कविता
किसी मुल्क की काबिलियत
वहाँ की किताबों से आँकी जा सकती है
धर्म स्थलों या इमारतों से नहीं
किताबों का अलग एक अपना धर्म होता है
जहाँ, विज्ञान साँस लेता है
मानवता मुस्कुराती है
किताबें हर युग में
युद्धों के खिलाफ़ खड़ी रही हैं
परमाणु परीक्षण से ज्यादा
इस दुनिया को किताबें पलटने की जरूरत है
किताबों से बड़ा युद्ध नहीं इस दुनिया में
बर्बरता के खिलाफ़!
©Aditya Rahbar
आदित्य रहबर