लढाई

लढाई

लढाई

ही लढाई
तीर-तलवार किंवा खंजिरांची नाही
तोफ-पिस्तूल वा रणगाड्यांची नाही

ही लढाई आहे कथा-कहाण्यांची
ही लढाई आहे कथानकांची

ही लढाई आहे
त्या दोन समुहांमधली
जिथे शोषक समूह पूर्वापार
कथा ऐकवत आला आहे
जिथे शोषित समूह पूर्वापार
कथा ऐकत आला आहे

*
हे मृत तीर-पिस्तूल
इतिहासात कधीही
खरी हत्यारं नव्हती
आणि सर्वात ताकदवान हत्यारं तर
अजिबातच नव्हती

खरी हत्यारं आहेत'कथा'

त्या कथा-
ज्या जीवन आणि मृत्यूच्या मध्ये
एक सुरक्षित पर्याय शोधताना
संशयात बुडलेल्या डोळ्यांना
परलोकाचे स्वप्न दाखवतात

त्या कथा-
ज्या पिंजरे आणि मोकळे 
आकाश यांच्या मध्ये
एक उत्तम पर्याय निवडताना
अनिर्णयात अडकलेल्या पंखांना
सळयांचं माहात्म्य शिकवतात.

त्या कथा-
ज्या विजेत्याला देवता बनवून
त्याच्या वासनेला धर्म बनवून
विजयाला एकमेव सत्य बनवून
सत्याला पूजणं शिकवतात

त्या कथा-
ज्या पराभूतांना असुर बनवून
त्याच्या जीवनाला अधर्म बनवून
पराभवाला असत्य बनवून
सत्याचे अर्थ बदलवतात

त्या कथा-
ज्या मिथकाला इतिहास बनवून
कुठल्याशा काल्पनिक भविष्यासाठी
ठोस वर्तमानाला छळतात

त्या कथा-
ज्या ईश्वराला सत्य बनवून
जगाला माया बनवून
कल्पना आणि वास्तव यांच्यामध्ये
उभी असलेली तर्काची भिंत पाडतात

*
काय या कथांसोबत आपण लढू शकता?
काय या कथांसोबत आपण लढू
पाहता?
काय तुम्ही आपली कथा-कहाणी
लिहू शकता?
काय तुम्ही आपली कथा कहानी
ऐकवू शकता?

जर हो
तर विश्वास ठेवा
की लढाईच्या पद्धतीची
आणि लढाईच्या मैदानाची
योग्य निवड करताच
आपण जिंकायला लागाल...

मराठी अनुवाद
भरत यादव
Bharat

मूळ हिंदी कविता
यह लड़ाई 
तीर तलवार और खंजरों की नहीं है 
न ही तोप तमंचों या टैंकों की है 

यह लड़ाई है कहानियों की 
यह लड़ाई है कथानकों की 

यह लड़ाई है 
उन पक्षों के बीच   
जहां शोषक पक्ष सदा से 
कहानियां सुनाता आया है 
जहां शोषित पक्ष सदा से 
कहानियाँ सुनता आया है  

*
ये मुर्दा तीर तमंचे 
इतिहास में कभी भी 
असल हथियार नहीं रहे 
और सबसे ताकतवर हथियार तो 
बिलकुल भी नहीं रहे  

असल हथियार हैं ‘कहानियां’  

वे कहानियाँ – 
जो जिन्दगी और मौत के बीच 
एक सुरक्षित विकल्प चुनते हुए 
संशय में डूबी आँखों को 
परलोक के स्वप्न दिखाती हैं  

वे कहानियां –
जो पिंजड़ों और खुले आकाश के बीच 
एक बेहतर विकल्प चुनते हुए 
अनिर्णय में फंसे पंखों को 
सलाखों का माहात्म्य सिखाती हैं 

वे कहानियाँ –
जो विजेता को देवता बनाकर   
उसकी हवस को धर्म बनाकर  
विजय को एकमात्र सत्य बनाकर  
सत्य को पूजना सिखाती हैं 

वे कहानियां –
जो विजित को असुर बनाकर  
उसके जीवन को अधर्म बनाकर 
पराजित को असत्य बनाकर  
सत्य के अर्थ बदलती हैं 

वे कहानियां –
जो मिथक को इतिहास बनाकर   
इतिहास को मिथक बनाकर 
किसी कल्पित भविष्य हेतु 
ठोस वर्तमान को छलती हैं 

वे कहानियां – 
जो इश्वर को सत्य बनाकर   
जगत को माया बनाकर  
कल्पना व हकीकत के बीच खड़ी 
तर्क की दीवार गिराती हैं 

*
क्या इन कहानियों से आप लड़ सकते हैं?
क्या इन कहानियों से आप लड़ना चाहेंगे?
क्या आप अपनी कहानी लिख सकते हैं?
क्या आप अपनी कहानी सुना सकते हैं?

अगर हाँ 
तो विश्वास रखिये 
कि लड़ाई के तरीके का 
और लड़ाई के मैदान का 
सही चुनाव करते ही 
आप जीतने लगेंगे ...

©संजय श्रमण
sanjay shraman
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